BHRAMAR KA JHAROKHA DARD E DIL WELCOMES YOU

Friday 4 November 2011

ईमानदार आदमी सांप हैं ??






तुम बिल में ही रहो

बाहर झांको और घुस जाओ

अँधेरे में

कोई संकीर्ण रास्ता गली

ढूंढ रौशनी ले लो

हवा ले लो

सांस ले लो

त्यौहार पर हम चढ़ावा दे देंगे

दूध पिला देंगे

जब की हम जानते हैं

तब भी तुम हमारे लिए

जहर उगलोगे

जब भी बाहर निकलोगे

देव-दूत बन डोलोगे

मेला लग जाता है

भीड़ हजारों लाखों लोग

आँख मूँद तुम पर श्रद्धा

जाने क्या है तुम में ??

औकात में रहो

देखा नहीं तुम्हारे कितने भाई मरे

हमारे मुछंडे मुस्तैद हैं

फिर भी तुम्हारी जुर्रत

बाहर झांकते हो

आंकते हो -हमारी ताकत ??

फुंफकारते हो

डराते हो

हमारे पीछे है एक बड़ी ताकत

बिके हुए लोग भ्रष्ट ,चापलूस

भिखारी , गरीब , भूखे -कमजोर

बहुत कुछ ऐसे -कवच ----

फिर भी जाने क्यों

हमारे दिल की धडकनें भी

बढ़ जाती हैं

मखमली गद्दों पर नींद नहीं आती है

नींद की गोलियां बेअसर दिखती हैं

बीबी बच्चों से दूर

अकेले में निस्तब्ध रात्रि में

मै भी हाथ जोड़ लेता हूँ

तुम्हारे आगे

की शायद ये डर भागे ------

शुक्ल भ्रमर -.१३-.२५ पूर्वाह्न

यच पी .११.2011



DE AISA AASHISH MUJHE MAA AANKHON KA TARA BAN JAOON

4 comments:

  1. इस पोस्ट में आपने आज के हालत पर एक सही टिप्पणी की है।

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  2. आदरणीय मनोज जी अभिवादन और आभार प्रोत्साहन हेतु ..की रचना आज के हालत को दर्शाने में सक्षम रही ...
    भ्रमर ५

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  3. आदरनीय भ्रमर जी ,मै आपके ब्लॉग पर कल भी आया था पर किसी तकनिकी त्रुटी के कारन प्रति क्रिया का लिंक नहीं खुल रहा था सो "आम आदमी" दे दर्शन मात्र कर के लौट गया बहुत बढ़िया प्रस्तुति

    आपसे सकारात्मक सहयोग व् मार्गदर्शन की हमेशा आवश्यकता रहेगी

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  4. प्रिय मलकीत भाई बहुत हर्ष हुआ आप से प्रेम की बातें सुनकर .हम भी आते रहेंगे नहीं कुछ संभव होगा तो आप का सार्थक प्रयास देखते पढ़ते उसका उपयोग तो करेगे ही ..आभार आप का ..तकनीकी समस्या बहुत होती है आज कल तो जागरण जंक्शन भी बड़ी देर से ही खुल पा रहा--- वहां भी मिलते रहिये ..
    भ्रमर ५

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