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Sunday 14 August 2011

प्यार से कीमती कोई दौलत नहीं


मेरे सपनो की तस्वीर खाली पड़ी

रंग भर दोगे मुझको ये अनुमान दो

मंदिरों में भटकता नहीं मूर्ति बोली

प्राण बन जाओगे कोई आभास दो

मेरे सपनो की तस्वीर.......

जंगलों में भटकता रहा रात दिन

ये भी वीरान से -तुम कहाँ -ख्वाब दो

पर्वतों पे चढ़ा पाँव घायल किया

रक्त रिश्ता है उर से -उपचार दो !!

ढूंढता मै फिर हर नगर गाँव घर

हो जो परदे में भी चाँद को न ढको

कितना सुन्दर लगे -तोता मैना उड़े

कैद खुद को जकड दुःख सभी को न दो

मेरे सपनो की तस्वीर...

प्यार से कीमती कोई दौलत नहीं

भाया कोई जो मन गुफ्तगू तो करो

दीप मै हूँ जलूँगा सदा ही सनम

रोज देखो मगर ना बुझाया करो

मेरे सपनो की तस्वीर खाली पड़ी

रंग भर दोगे मुझको ये अनुमान दो

सुरेन्द्र कुमार शुक्ल भ्रमर५

14.08.2011 jal pee bee

DE AISA AASHISH MUJHE MAA AANKHON KA TARA BAN JAOON

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