भीष्म -शैय्या पर पड़े
आज आप “भीष्म ” शैय्या पर पड़े
इतने दिन सब कुछ सहे
आराम से खून देते जा रहे हैं
दीजिये -ख़ुशी है
लेकिन हम मच्छर नहीं
की केवल अपना पेट भर के
आप को छोड़ देंगे
हमारी तो पूरी जमात है
घर है परिवार है
और जब आप चेतना शून्य हो जायेंगे
तो हम सब आप के चाहने वालों को
घर परिवार को
आप की जमात को
एक -एक कर
बुला लेंगे
सुला देंगे
इसी शैय्या पर
खून देते रहने के लिए
(सभी फोटो साभार गूगल/नेट से लिया गया )
सुरेन्द्र कुमार शुक्ल भ्रमर ५
२८.७.२०११ जल पी बी
४.२९ पूर्वाह्न
मदन शर्मा ने कहा…
ReplyDeleteबहुत अच्छा सार्थक चिंतन है !
सहमत हूँ आपसे !!
मेरा निवेदन है आपसे की आप भी बेहतर भारत के लिए 16 अगस्त से अन्ना के आन्दोलन के साथ जुड़ें!
August 09, 2011 4:49 PM
मदन शर्मा ने कहा…
यह अपना नुकसान करके दूसरे से अपनी बात मनवाना एक गांधीवादी तरीका है। एक अहिंसक तरीका है किसी जिद्दी व्यक्ति या संस्था की आत्मा को झकझोरने का। जब अपनी ताकत पर मगरूर संस्थाएं कुछ भी सुनने को तैयार नहीं होतीं, तब ऐसे हथियार का सहारा लिया जाता है।
August 09, 2011 4:51 PM
Surendra shukla" Bhramar"5 ने कहा…
मदन भाई बहुत सुन्दर विचार आप के हम आप क्या हम तो सभी से ये गुजारिश करते हैं की जो भी जहाँ कहीं भी हो इस भ्रष्ट व्यस्था के खिलाफ वहीं से अपने क्षेत्र से आवाज बुलंद करे जिस भी क्षेत्र से आप जुड़े हों वहीँ से शुरू हो जाइये .......शायद दिल्ली दूर है ....तो सब का पहुंचना वहां संभव न हो ...पर जो भी काम आप कर सकते हैं अपने स्तर पर उससे पीछे मत हटियेगा
हमारी कोशिश जारी है
भ्रमर ५
August 09, 2011 5:53 PM