हे सरस्वती माई
कुछ दई - द्या दान !!
नक़ल करी -चाही हम बनी महान !!
तोहरे सा उज्जर चोला
श्वेत बसन धारी हम
करिया जे मन हमरा
कईसे सुधारी
बोला निदान
कुछ दई - द्या दान !!
तोरे सा उड़न खटोला
"चापर" उड़ाई हम
गिरी -परी -तंत्र -मन्त्र -
फेल - रोज- काहे ??
अहम् भगायीं माँ
सूक्ष्म -मूल-मन्त्र कुछ -
नया विज्ञान माँ
दई - द्या दान !!
सुर लहरी -
वीणा की मधुर तान देखि माँ
आरकेष्ट्रा-सतरंगी वाद्य बजायी माँ
इतना रुपिया पईसा हम
क्षण में उड़ाई माँ
काहे कोलाहल -मन भूकम्प आये
ध्वस्त सारी दुनिया
अनु परमाणु बिखर जाये
लाख -लाख वोल्टेज मा
अँधियारा छाये
दुधवा सा चांदनी माँ
जग में लुटावा
कुछ दई - द्या दान !!
सब कुछ रहत माँ
"बेघर" हम बाटी
मनवा में बसि
'परिवार' बसावा
कुछ दिया -कुछ बाती
उजियारा -
कुछ दई - द्या दान !!
नक़ल करी -चाही हम बनी महान-
हे सरस्वती माई
कुछ दई - द्या दान !!
सुरेन्द्रशुक्लभ्रमर५
BHRAMAR KA DARD AUR DARPAN
http://surenrashuklabhramar.blogspot.com
24.03.2011
No comments:
Post a Comment
AAP KI TIPPANIYAN HAMARA PROTSAHAN KARTI HAIN -HINDI BANANE KA UPKARAN LAGA HUA HAI -BHRAMAR5